टीचर ने मेरी जबरजस्ती चुदाई कि

टीचर ने मुझे घंटो तक जबरजस्ती चोदा

कैसे हो दोस्तो , आज मैं अपने टीचर के लंड से मेरे देशी चुत की चुदाई के बारे में बताने वाली हूँ।
मैं क्लास 12 में पड़ती थी और मुझे पढ़ाई में कुछ कुछ रुचि थी 

एक दिन की बात है मै रोज की तरह स्कूल गई और पढ़ाई करने के बाद जब छुट्टी हुई तो स्कूल के एक कर्मचारी जो कि स्कूल में थोड़ी बहुत साफ सफाई का काम किया करते हैं उन्होंने मेरे पास आकर धीरे से बोला कि पायल जी आपको प्रिंसिपल सर ऑफिस में बुलाए हैं , 

ये सुनकर मैं थोड़ी सी संकुचित होते हुए पूछी क्यों प्रिंसिपल सर क्यों बुला हैं , 
तो उसने बोला पता नहीं बस बुलाए हैं लेकिन क्यों ये नहीं पता मुझे,
मैने बोली ठीक है

फिर मैं ऑफिस की ओर गई और बाकी सब लड़कियां स्कूल से बाहर की ओर घर जाने के लिए निकल गई ,
मैं ऑफिस में गई तो प्रिंसिपल सर कुछ लिखने में लगे हुए थे रजिस्टर में , मैने पूछी सर आपने बुलाया मुझे, वो बोले हां बैठो , मैं कुर्सी पर बैठ गई ।

बाकी के 4, 5 शिक्षक , शिक्षिका लोग भी वही बैठे हुए थे, बैठे बैठे करीब 20 मिनट बीत गए , अब तक एक एक करके बैठे हुए सभी शिक्षक भी घर के लिए निकलते गए।
मैं अब सोच रही थी कि क्या करूं
प्रिंसिपल सर अभी भी लिखने में ही लगे हुए थे
मैं सोच ही रही थी कि तब तक सर उठकर बाहर की ओर जाने लगे मुझे लगा बाथरूम जा रहे होंगे लेकिन वो दरवाजे के पास पहुंच कर दरवाजा अंदर से लगा दिए
अब मैं आश्चर्य हो गई लेकिन ये अजीब था मेरे लिए मैं सोच रही थी की क्यों लगाएं होंगे
तब तक वो वापस अपने कुर्सी पर जहां लिख रहे थे वहीं जाकर बैठ गए और मुझे पास बुलाए
बुलाकर वो अपने बगल वाली एक कुर्सी पर बैठने के लिए बोले
मैं बैठ गई ये सोच कर कि शायद कुछ पूछेंगे
जो भी लिख रहे हैं उसमें शायद कुछ हेल्प की जरूरत पड़ रही होगी इसलिए पास में बैठने के लिए बोल रहे हैं
ऐसा सोचते हुए मैं प्रिंसिपल सर के पास वाली कुर्सी पर बैठ गई
उन्होंने मेरी तरफ देखना शुरू कर दिया और देखते हुए बोले कि तुम मुझे बहुत पसंद हो
मैं आश्चर्यचकित हो कर खो गई
मैं ये सोचने लगी कि ये हो क्या रहा है
कोई स्कूल लड़का ये बात कहता तो उसको डांट देती गाली देती या एक थप्पड़ मार देती
ताकि वो ये सब उल्टी सीधी बात न करे और पढ़ाई में खुद भी मन लगाए और मुझे भी पढ़ने में बाधा ना डाले, लेकिन ऐसी बात एक प्रिंसिपल से सुनकर मैं सोच में पड़ गई कि क्या करूं
तक तक उन्होंने मेरे जांघ पर हाथ रख दिया और एक हाथ मेरे पीठ पर रख दिये , 

अब तक मुझे उनके इरादे समझ आ गए थे क्यों कि उनका हाथ मेरे जांघ से कमर की तरफ बढ़ रहा था लेकिन जब तक मैं कुछ समझ पाती तक तक उनका हाथ मेरी चड्डी के अंदर पहुंच गया था और उन्होंने अपनी उंगली मेरे बुर में घुसा दिया और हिलाना शुरू कर दिया
और दूसरा हाथ जो कि मेरे पीठ पर रखे थे उस हाथ से मेरे बूब्स को कपड़े के ऊपर से दबाना शुरू कर दिए अब तक 3 से 5 मिनट हुए थे लेकिन अब मेरी हालत ऐसी हो चुकी थी कि मैं चाहकर भी कुछ भी रोकना नहीं चाहती थी क्यों कि मुझे बहुत मजा आने लगा उनका उंगली मेरे बुर में हिलने से मेरी चूत गीली होने लगी और मेरे मुंह से भी पानी आने लगा
मेरे मुंह से लार टपकता हुआ देख कर उन्होंने अपना मुंह मेरे मुंह में लगा कर मेरे होठों को चूसने लगे
मैं पूरी तरह से आनंद में डूब गई थी
ये सब मैने पहली बार महसूस किया
लेकिन इतना मजा आ रहा था कि ये गलत हो रहा है जानते हुए भी मैं विरोध नही कर पा रही थी
अब तक हम दोनों खड़े होकर आनंद ले रहे थे प्रिंसिपल सर की उंगली मेरे बुर में और मेरी लिप्स 👄 उनके मुंह में थे
अब धीरे से मुझे झुकाते हुए टेबल पर लिटा दिए और मेरे स्कर्ट को उतारने लगे मै सरम से उनकी तरफ देख नहीं रही थी बस जो हो रहा होने दे रही थी
मेरे स्कर्ट उतारने के बाद मेरे अंदर वाली पैंटी को भी उतरने लगे
मैने काले रंग कि 
चड्डी पहनी थी

अब मैं नीचे से पूरी तरह नंगी हो चुकी थी
उन्होंने मेरी दोनों टांगे फैलाकर मेरे बुर में मुंह लगाकर अपना जीभ मेरे बुर के अंदर डाल कर चाटने और हिलाने लगे
मुझे बहुत मजा आ रहा था तब तक मैं उनकी जीभ के कारन इतनी उत्तेजित हो गई  की मै मुतने लगी मेरी चुत से पेशाब कि पीचकारी निकलने लगी और पेशाब सर के मुह मे जा रही थी
उन्होंने भी मुंह हटाए बिना चाटते रहे मेरे बुर को और मैने पूरा मूत दिया उनके मुंह पर और मुंह में भी
अब उन्होंने थोड़ी देर चाटने के बाद अपना पैंट उतार लिया और उनका बड़ा सा लंड देखकर मैं हैरान रह गई
मैने लंड के बारे में पहले भी सुनी थी और छोटे बच्चों के लंड देखी भी थी तो एक अंदाज था बस की बड़े और जवान लोगों के भी ऐसे ही कुछ लंबा सा लंड होता होगा जैसे छोटे बच्चों के होते हैं
लेकिन कभी सीधे किसी जवान लडके या आदमी का लंड नहीं देखी थी आज तक 

अब उनका मोटा सा लंड उन्होंने मेरी दोनों टांगो के बीच खड़े होकर मेरे बुर के पास रखा मुझे समझ आ गया कि ये अंदर घूसया जाएगा
अब उन्होंने मेरे बुर के पास लगाकर अंदर दबाने की कोशिश की लेकिन मुझे इतना दर्द हुआ कि मैं चीखते हुए पीछे की तरफ खिसक गई
अब अपने दोनों हाथों से मेरे टांगो को कसकर पकड़ कर अपना लंड मेरे बुर के छेद के पास लगाकर जबरदस्ती अंदर की तरफ दबाया तो उनका लंड तो मेरे बुर में घुस गया लेकिन मुझे इतना दर्द हो रहा था जैसे मेरी बुर फट गई हो और मैं रोने लग गई
और उन्होंने अपने लंड से धक्का मारना शुरू कर दिया और मुझे और दर्द होने लगा
लंड घुसने से पहले जितना मजा आ रहा था मुझे उससे कई गुना ज्यादा दर्द होने लग गया और मजा दर्द में बदल गया था
मैं कोशिश कर रही थी पीछे हटने की ताकि उनका लंड बाहर निकल जाए लेकिन उन्होंने मेरी दोनों टांगो को बहुत जोर से पकड़ रखा था जिस कारन से मैं हिल तक नहीं पा रही थी और बुर में उंगली का आनंद और उसके बाद बुर में लंड के दर्द से इतना ज्यादा थक गई थी कि मेरे अंदर इतनी ताकत नहीं बची थी कि कोई रोक टोक या विरोध कर सकूं
अब न चाहते हुए भी शांत पड़ी रही दर्द होने के बावजूद भी लंड के झटके सहती रही लगभग 40 से 50 मिनट बीतने के बाद मेरे बुर की दर्द गायब सी होने लगी और मुझे लंड का झटका पाकर मजा आने लगा और थोड़ी देर में मेरे बुर में हलचल सी मच गई और एक अजीब सा मजा मिलने लगा जिसे शायद चरम सुख बोला जाता है लेकिन उस टाइम मुझे नहीं पता था
और मेरे बुर से उजला रंग का पानी निकलने लगा
मेरी बुर उजले रंग के पानी कि  पिचकारी मार रही थी
और मै इस सुकुन का आनंद ले रही थी

मैं सोची की ये किसी परेशानि के कारण सिर्फ मेरी बुर से निकल रहा होगा, बाकी किसी और लड़की कि बुर से नहीं निकलता होगा

मुझे बहुत मजा भी आ रहा था मै सिकुड़ सी रही थी
लेकिन जब प्रिंसिपल सर ने मुझे टेबल पर झुका कर पीछे से मेरी चूतड़ पर एक थपड़ मारी तो मैं चिंहुक कर मेरी मुंह से आह की आवाज निकल जाती थी
शायद ये आह की आवाज सुनकर उनको मजा आ रहा था
इसलिए वो मेरी चूतड़ पर कई बार थपड़ मार मार कर मेरी आह आह आह की आवाज कई बार निकाली उसके बाद मेरी चूतड़ पर थूक कर अपनी उंगली मेरी चूतड़ में धीरे धीरे घुसाने लगे
और मुझे बोले कि अपनी गांड़ को ढीला छोड़ो टाइट मत करो
मैने वैसा ही किया
धीरे धीरे मेरी चूतड़ में अंगुली घुसा लिए अब रास्ता खुला हुआ महसूस करते हुए उन्होंने तुरन्त अपनी उंगली निकाला और अपना लंड लगाकर घुसेड़ दिया मै चीख कर खड़ी हो गई
लेकिन उनका लंड अभी भी मेरी गांड़ में ही था क्यों कि मुझे टेबल पर झुका कर मेरे पीछे से खड़े होकर मेरे चूतड में लंड घुसेड़े हुए थे
तो मैं जैसे ही खड़ी हुई वैसे ही उन्होंने मुझे कसकर अपनी बाहों में पकड़ कर मेरी कमर को अपने कमर के तरफ कसकर दबा लिए ताकि मेरे तड़पने से उनका लंड बाहर ना निकल जाए
मैं भी चुप चाप रह गई बर्दास्त करते हुए उनके लंड को
अब उन्होंने धीरे धीरे मुझे फिर से टेबल पर झुकाया और मेरी चूतड़ में अपने लंड से धक्के मारना शुरू कर दिए
20 मिनट तक मेरी गांड़ मारने के बाद वो भी थक गए
और लंड बाहर निकाल कर कपड़े पहनने लगे और मुझे भी कपड़े पहनने के लिए बोले
फिर मैं जल्दी से कपड़े पहनी
उन्होंने बोला कि किसी को बोलना मत
फिर करेंगे मौका मिलेगा तो अभी घर जाओ
इतना सुनते ही मै तुरंत दरवाजे के तरफ भागी और बैग लेकर, दरवाजा खोलकर घर चली गई

आगे क्या हुआ जानने के लिए मेरी प्रिमियम ज्वाइन करे। 

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