Bete ki hawas aur maa ki chut
Bete ki hawas aur maa ki chut
हाय, मैं राधिका हूँ, 36 साल की चुदक्कड़ माँ। मेरी फिगर 34-28-32 है, पतली कमर, छोटी-मोटी चूचियाँ, और गांड ऐसी कि कपड़े के बाहर से कुंवारी कन्या की तरह टाइट दिखे। मेरा बेटा, अर्जुन, 18 साल का लौंडा, लंबा, दुबला, और उसका लंड 7 इंच का पतला पर चूत-चोदू साँप। मेरे पति को गुज़रे 3 साल हो गए, और तब से मेरी चूत लंड की भूखी है। मैं टाइट कपड़े पहनती हूँ, और मेरी चूत की शेप बाहर से साफ़ दिखती है। एक दिन, अर्जुन की हवस ने मेरी चूत और गांड को ऐसे चोदा कि मैं नंगी मज़े लेती रही।
बेटे की चुदास और माँ की टाइट चूत
उस दिन शाम के 5 बजे थे। आसमान में नारंगी रंग था, और हल्की ठंडी हवा चल रही थी। मैं घर की छत पर थी, कपड़े सुखाने। उस दिन मैंने टाइट सफेद टॉप पहना था, जिसके नीचे लाल ब्रा की शेप साफ़ दिख रही थी, और नीचे नीली जींस थी, जो मेरी टाइट गांड और चूत को उभार रही थी। मेरे बाल खुले थे, और हवा में लहरा रहे थे। अर्जुन नीचे आँगन में था, काले शॉर्ट्स और बनियान में। वो मुझे ऊपर देख रहा था, और उसकी नज़र मेरी गांड पर अटक गई। मैंने उसे देखा और बोली, “अर्जुन, क्या घूर रहा है, साले?” वो हँसा, “माँ, तेरी गांड तो मस्त लग रही है, रंडी।”
मैं चिल्लाई, “हरामी, अपनी माँ की गांड को ताक रहा है?” वो बोला, “हाँ साली, तेरी चूत भी टाइट लग रही है, चोदने का मन कर रहा है।” मेरी चूत गीली हो गई। मैं बोली, “मादरचोद, आजा ऊपर, तेरे लंड से चुदूँगी।” वो छत पर भागा आया। मैंने टॉप उतार फेंका। लाल ब्रा में मेरी चूचियाँ टाइट थीं। उसने बनियान फेंकी और शॉर्ट्स उतार दिया। उसका लंड मेरे सामने था – 7 इंच का पतला, सख्त, चूत में घुसने वाला साँप। मैं चिल्लाई, “साले, तेरा लंड तो मस्त है!”
उसने मुझे छत की रेलिंग से सटाया। मेरी ब्रा खींचकर फाड़ दी और बोला, “कुतिया, तेरे चूचे तो चूसने लायक हैं।” उसने मेरे निपल्स को मुँह में लिया और चूसने लगा। मैं चिल्लाई, “हरामी, ज़ोर से चूस, मज़ा आ रहा है!” उसकी जीभ मेरे निपल्स पर चक्कर काट रही थी, और वो मेरे चूचे मसल रहा था। मैं चिल्लाई, “साले, चूची चाट, मज़े दे!” उसने मेरे पेट को चूमा, मेरी नाभि पर जीभ फिराई। मैं चिल्लाई, “आह… मादरचोद, नाभि चूस, मेरी चूत गीली हो रही है!” उसकी जीभ मेरी नाभि में घूम रही थी, और मैं नंगी होकर तड़प रही थी।
फिर उसने मेरी जींस खींचकर उतार दी। नीचे मेरी काली चड्डी थी, जो मेरी टाइट चूत को ढक रही थी। उसने चड्डी फाड़ दी। मेरी चूत नंगी थी, टाइट, गीली, और मस्त। वो बोला, “साली, तेरी चूत तो कुंवारी कन्या की तरह है!” उसने अपनी जीभ मेरी चूत पर रखी और चाटने लगा। मैं चिल्लाई, “आह… हरामी, और चाट, चूत फड़फड़ा रही है!” उसकी जीभ मेरी चूत के होंठों पर फिसल रही थी, और वो उसे चूस रहा था। मेरी चूत से पानी टपक रहा था। मैं चिल्लाई, “साले, चूत को चाट-चाटकर गीला कर दे, मज़ा आ रहा है!” उसने मेरी चूत को चूस-चूसकर मस्त कर दिया। मैं चिल्लाई, “मादरचोद, अब लंड डाल, चूत भूखी है!”
उसने अपना लंड मेरे मुँह की ओर किया। “चूस, रंडी,” वो बोला। मैंने उसका लंड मुँह में लिया। पतला पर सख्त, साला मुँह में मज़ा दे रहा था। मैं चूस रही थी, और वो बोला, “साली, ज़ोर से चूस, लंड को चटपटा बना!” मैं चिल्लाई, “हरामी, तेरा लंड तो मस्त है, चूसने में मज़ा आ रहा है!” मैं उसका लंड चूसती रही, और वो मेरे मुँह में हल्के धक्के मार रहा था। मेरे होंठों से लार टपक रही थी। फिर उसने मुझे रेलिंग पर झुकाया। मेरी टाँगें चौड़ी कीं और बोला, “अब तेरी चूत को पेलूँगा, कुतिया।” उसने अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ा। मैं चिल्लाई, “साले, पेल दे, चूत में आग लगी है!”
उसने धीरे से डाला। उसका लंड मेरी टाइट चूत में घुस गया। मैं चिल्लाई, “आह… मादरचोद, मज़ा आ रहा है!” वो चोदने लगा। उसका लंड मेरी चूत को पेल रहा था। मैं चिल्ला रही थी, “साले, और ज़ोर से चोद, चूत को मज़ा दे!” उसकी स्पीड बढ़ गई। मेरी चूत गीली थी, और मैं मज़े ले रही थी। उसने मेरे चूचों को पीछे से पकड़ा और चूसने लगा, “साली, तेरी चूत तो मस्त है!” फिर उसने मुझे छत पर लिटाया। मेरी गांड हवा में थी। उसने मेरी गांड को अपने हाथों से फैलाया और बोला, “कुतिया, तेरी गांड तो चोदने लायक है।” उसने अपना लंड मेरी गांड पर रगड़ा। मैं चिल्लाई, “हरामी, गांड में डाल, मज़ा ले!”
उसने मेरी गांड में धीरे से डाला। उसका लंड मेरी टाइट गांड में घुस गया। मैं चिल्लाई, “आह… साले, गांड में मज़ा आ रहा है!” वो मेरी गांड चोदने लगा। उसका लंड मेरी गांड को पेल रहा था। मैं चिल्ला रही थी, “मादरचोद, और ज़ोर से पेल, गांड को चोद!” उसने मेरी गांड को ज़ोर-ज़ोर से चोदा। फिर उसने मुझे छत की दीवार से सटाया। मेरी एक टाँग ऊपर उठाई और मेरी चूत में लंड डाला। वो चोदने लगा। मैं चिल्लाई, “साले, चूत फड़फड़ा रही है, और चोद!” उसने मेरे होंठों को चूसा, उसकी जीभ मेरे मुँह में थी। मैं चिल्लाई, “हरामी, मुँह चोद, मज़ा दे!”
फिर उसने मुझे छत पर घास की बिछौने पर लिटाया। मेरी टाँगें हवा में उठाईं और मेरी चूत में लंड डालकर पेलना शुरू किया। मैं चिल्ला रही थी, “साले, चूत को फाड़ दे!” वो मेरे ऊपर चढ़ गया। उसकी जीभ मेरे निपल्स पर थी, और वो मेरे चूचे चूस रहा था। मैं चिल्लाई, “मादरचोद, और पेल!” उसने मेरी चूत को ज़ोर-ज़ोर से चोदा। मेरी चूत से पानी टपक रहा था। फिर उसने मेरी गांड में डाला और चोदने लगा। मैं चिल्लाई, “साले, गांड में मज़ा दे!” उसने मेरे अंदर पानी छोड़ दिया। मैं नंगी छत पर पड़ी थी, चूत और गांड मज़े से भरी। वो बोला, “कुतिया, मज़ा आया?” मैं चिल्लाई, “हाँ मादरचोद, तेरे लंड ने चूत को ठंडा कर दिया!”