“Bhai ke Land ne meri aag bujhai”

Bhai ke Land ne meri aag bujhai

Bhai ke Land ne meri aag bujhai
हाय, मेरा नाम शालिनी है। मैं 24 साल की हूँ, एक नर्स हूँ, और ये कहानी मेरे और मेरे हरामी भाई रिंकू की है। रिंकू 22 का है, गाँव का छोरा, लंबा, मस्त जिस्म वाला, और उसका लंड ऐसा कि देखते ही चूत में पानी आ जाए।
“भाई के लंड ने मेरी चूत की आग बुझाई”
हम दोनों शहर में एक छोटे से मकान में रहते हैं। मम्मी-पापा गाँव में खेती करते हैं, और हम यहाँ अकेले। मैं हॉस्पिटल में नौकरी करती हूँ, पर रात को मेरी चूत की आग मुझे सुलाती नहीं। एक दिन, रिंकू के मोटे लंड ने मेरी चूत और गांड दोनों की प्यास बुझाई, वो भी ऐसी गंदी चुदाई के साथ कि मेरी चीखें निकल गईं।

उस दिन शाम के 6 बजे थे। बाहर हल्की फुहार पड़ रही थी, और कमरे में ठंडक थी। मैं हॉस्पिटल से लौटी थी, थकान से चूर। मैंने अपनी नर्स की वर्दी – सफेद ब्लाउज़ और स्कर्ट – उतारी। नीचे सिर्फ़ लाल ब्रा और काली चड्डी थी। मेरे बाल गंदे थे, और चूत में खुजली मच रही थी। मैं सोच रही थी, “साली चूत, कोई लंड नहीं मिलेगा क्या?” रिंकू घर पर था, वो आँगन में लुंगी पहने बैठा था, और उसकी लुंगी में उसका लंड उभर रहा था। मोटा, काला, साला चूत फाड़ने वाला। मैंने उसे देखा और बोली, “भाई, तेरा लंड तो मस्त लग रहा है, हरामी।” वो हँसा, “साली रंडी, तू मेरे लंड को क्या घूर रही है?”

मैं बोली, “हाँ मादरचोद, मेरी चूत में आग लगी है, इसे ठंडा कर दे।” वो चौंका, फिर बोला, “चल कुतिया, कमरे में आजा, तेरी चूत को लंड खिलाऊँगा।” मैं उसकी बात सुनकर गीली हो गई। हम बेडरूम में गए। मेरा बेड पुराना था, लोहे का, और उस पर एक फटी चादर थी। मैंने अपनी ब्रा और चड्डी उतार फेंकी। मेरी चूत नंगी थी, और मेरे चूचे लटक रहे थे। उसने अपनी लुंगी खींचकर फेंक दी। उसका लंड मेरे सामने था – मोटा, 7 इंच का, काला सांड जैसा। मैं बोली, “साले, ये लंड तो मेरी चूत फाड़ देगा।” वो बोला, “हाँ रंडी, तेरी चूत और गांड दोनों फाड़ूँगा।”

उसने मुझे बेड पर धक्का दिया। मेरे चूचों को अपने गंदे हाथों से पकड़ा और बोला, “साली, तेरे चूचे तो मस्त हैं, हरामज़ादी।” उसने मेरे निपल्स को मुँह में लिया और चूसने लगा। मैं चिल्लाई, “मादरचोद, धीरे चूस!” पर वो साला रुका नहीं। उसकी जीभ मेरे चूचों पर चाट रही थी, और वो उन्हें काट रहा था। मैं चीख़ी, “हरामी, दर्द हो रहा है!” फिर उसने मेरे पेट को चाटा, और मेरी चूत के पास आ गया। मेरी टाँगें चौड़ी कीं और बोला, “साली, तेरी चूत तो भट्टी है।” उसने अपनी जीभ मेरी चूत पर रखी और चाटने लगा। मैं चिल्लाई, “आह… मादरचोद, और चाट!” उसकी जीभ मेरी चूत में घुसी, और वो उसे चूस रहा था। मेरी चूत गीली हो गई, और मैं चिल्ला रही थी, “साले, मस्त चाट रहा है!”

उसने अपना लंड मेरे मुँह की ओर किया। “चूस, कुतिया,” वो बोला। मैंने उसका मोटा लंड मुँह में लिया। साला इतना मोटा था कि मेरा मुँह फुल गया। मैं चूस रही थी, और वो बोला, “साली रंडी, ज़ोर से चूस!” मैं खाँस रही थी, और उसका लंड मेरे गले में अटक रहा था। फिर उसने मुझे बेड पर लिटाया। मेरी टाँगें ऊपर उठाईं और बोला, “अब तेरी चूत को चोदूँगा, हरामज़ादी।” उसने अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ा। मैं चिल्लाई, “साले, डाल दे जल्दी!” उसने ज़ोर से धक्का मारा। उसका मोटा लंड मेरी चूत में घुस गया। दर्द ऐसा हुआ कि मैं चीख़ी, “मादरचोद, मेरी चूत फट गई!” वो हँसा, “साली, अभी तो मज़ा शुरू हुआ है।”

वो मुझे चोदने लगा। उसका लंड मेरी चूत को रगड़ रहा था। हर धक्के के साथ दर्द हो रहा था, और मैं चिल्ला रही थी, “हरामी, धीरे चोद!” पर वो साला रुका नहीं। उसकी स्पीड बढ़ गई, और वो मेरी चूत में गहराई तक जा रहा था। मेरी चूत में जलन थी, और मैं चीख़ रही थी, “आह… साले, बहुत मोटा है!” वो बोला, “कुतिया, तेरी चूत को फाड़ दूँगा।” उसने मेरे चूचों को पकड़ा और मसल दिया। मैं चिल्लाई, “मादरचोद, दर्द हो रहा है!” फिर उसने मेरे कूल्हों को पकड़ा और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारे। मेरी चूत दर्द से भर गई, और मैं तड़प रही थी, “साले, और चोद!”

उसने मुझे पलट दिया। “कुतिया बन जा, रंडी,” वो बोला। मैं घोड़ी बन गई। मेरी गांड उसके सामने थी। उसने मेरी गांड पर थप्पड़ मारा और बोला, “साली, तेरी गांड तो मस्त है।” उसने अपना लंड मेरी गांड पर रगड़ा। मैं डर गई, “नहीं हरामी, गांड में मत डाल!” पर उसने मेरी गांड पकड़ ली और ज़ोर से धक्का मारा। उसका लंड मेरी गांड में घुस गया। दर्द इतना था कि मैं चीख़ी, “मादरचोद, मेरी गांड फट गई!” वो बोला, “चुप रह कुतिया, मज़े ले।” वो मेरी गांड मारने लगा। उसका हर धक्का मेरी गांड को हिला रहा था। मैं चिल्ला रही थी, “आह… साले, निकाल!” पर वो साला रुका नहीं। उसने मेरी गांड को ज़ोर-ज़ोर से चोदा, और मैं चीख़ रही थी, “हरामी, बहुत दर्द हो रहा है!”

फिर उसने मुझे उठाया और दीवार से सटाया। मेरी एक टाँग ऊपर उठाई और मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया। वो चोदने लगा। मैं चिल्लाई, “आह… मादरचोद, मस्त चोद रहा है!” उसने मेरे चूचों को मुँह में लिया और काटा। मैं चीख़ी, “साले, धीरे!” फिर उसने मेरी गांड में फिर से घुसाया। उसकी स्पीड इतनी तेज़ थी कि मैं चिल्ला रही थी, “उफ़… हरामी, आराम से!” वो बोला, “साली रंडी, तेरी गांड को चोद-चोदकर ढीली कर दूँगा।” उसने मेरे अंदर अपना पानी छोड़ दिया, और मैं हाँफ रही थी, “साले, मस्त चुदाई की!”

चुदाई खत्म हुई। मेरी चूत और गांड दर्द से भरी थीं। वो बोला, “कुतिया, मज़ा आया?” मैं चिल्लाई, “हाँ मादरचोद, मेरी चूत की प्यास बुझा दी!” मैं नंगी बेड पर पड़ी रही, और वो चला गया।

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