Maa ki chut ki pyas aur bete ka land
Maa ki chut ki pyas aur bete ka land
हाय, मैं रानी हूँ, 38 साल की रंडी माँ। मेरी चुदासी फिगर 36-30-38 है, मोटी गांड, लटकती चूचियाँ, और चूत ऐसी कि लंड देखते ही फड़फड़ाने लगे। मेरा बेटा, रवि, 19 का हरामी, लंबा, गोरा, और उसका लंड 7 इंच का मोटा सांड जैसा। मेरे पति का लंड 10 साल पहले मर गया, और तब से मेरी चूत की आग बुझी नहीं। रात को ऊँगली डालकर चूत पेलती हूँ, पर साली प्यास बुझती नहीं। एक दिन, रवि के लंड ने मेरी चूत को ऐसा चोदा कि मैं नंगी चिल्लाती रही।
माँ की चूत की प्यास
उस दिन रात के 11 बजे थे। गर्मी की रात थी, और बिजली गुल। मैं अपने कमरे में नंगी लेटी थी, सिर्फ़ लाल चड्डी पहनी थी। पंखा बंद था, और पसीने से मेरी चूत तक गीली थी। मैंने चड्डी में हाथ डाला और अपनी चूत को सहलाना शुरू किया। “साला कोई लंड नहीं मिलेगा क्या?” मैं सोच रही थी। तभी रवि मेरे कमरे में आया, सिर्फ़ नीली लुंगी में। उसका लंड लुंगी में उभर रहा था, मोटा, गर्म। मैंने देखा और चूत फड़फड़ा उठी। मैं बोली, “रवि, तेरा लंड तो मस्त लग रहा है, हरामी।” वो हँसा, “माँ, तू क्या मेरे लंड को ताक रही है, रंडी?”
मैं बोली, “हाँ साले, मेरी चूत में आग लगी है, इसे पेल दे।” वो मेरे पास आया और बोला, “चल कुतिया, आज तेरी चूत फाड़ूँगा।” मैंने चड्डी उतार फेंकी। मेरी चूत नंगी थी, गीली, लाल। उसने लुंगी खींच दी। उसका लंड मेरे सामने था – मोटा, काला, चूत चोदने वाला। मैं चिल्लाई, “साले, डाल दे जल्दी!” उसने मुझे बेड पर पटक दिया। मेरी चूचियों को पकड़ा और बोला, “साली, तेरी चूचियाँ तो मस्त हैं।” उसने मेरे निपल्स को मुँह में लिया और चूसने लगा। मैं चिल्लाई, “हरामी, ज़ोर से चूस!” उसकी जीभ मेरी चूचियों पर चाट रही थी, और वो उन्हें दबा रहा था।
फिर उसने मेरी टाँगें चौड़ी कीं। मेरी चूत को देखा और बोला, “माँ, तेरी चूत तो भट्टी है, रंडी।” उसने अपनी जीभ मेरी चूत पर रखी और चाटने लगा। मैं चिल्लाई, “आह… साले, और चाट!” उसकी जीभ मेरी चूत में घुसी, और वो उसे चूस रहा था। मेरी चूत से पानी टपक रहा था। मैं चिल्लाई, “मादरचोद, लंड डाल दे!” उसने अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ा। मैं चिल्लाई, “हरामी, पेल दे!” उसने ज़ोर से धक्का मारा। उसका मोटा लंड मेरी चूत में घुस गया। दर्द हुआ, और मैं चीख़ी, “साले, मेरी चूत फट गई!” वो बोला, “कुतिया, अभी तो चोदना शुरू किया है।”
वो मुझे चोदने लगा। उसका लंड मेरी चूत को पेल रहा था। मैं चिल्ला रही थी, “आह… मादरचोद, और ज़ोर से!” उसकी स्पीड बढ़ गई। मेरी चूत में जलन थी, और मैं तड़प रही थी। वो मेरे चूचों को मसल रहा था, “साली, तेरी चूत तो टाइट है!” फिर उसने मुझे पलट दिया। “कुतिया बन जा, रंडी,” वो बोला। मैं घोड़ी बन गई। मेरी गांड उसके सामने थी। उसने मेरी गांड पर थप्पड़ मारा और बोला, “साली, तेरी गांड तो मस्त है।” उसने अपना लंड मेरी गांड पर रगड़ा। मैं चिल्लाई, “नहीं हरामी, गांड में मत डाल!” पर उसने मेरी गांड पकड़ ली और ज़ोर से डाला। दर्द हुआ, “आह… मादरचोद, फट गई!” वो बोला, “चुप रह रंडी, गांड मारने दे।”
वो मेरी गांड चोदने लगा। उसका लंड मेरी गांड को हिला रहा था। मैं चीख़ रही थी, “उफ़… साले, धीरे!” पर वो साला रुका नहीं। उसने मेरी गांड को ज़ोर-ज़ोर से पेला। फिर उसने मुझे उठाया, दीवार से सटाया। मेरी चूत में लंड डाला और चोदा। मैं चिल्लाई, “आह… हरामी, मस्त चोद!” उसने मेरी गांड में फिर से डाला। उसकी स्पीड तेज़ थी, और मैं चीख़ रही थी, “साले, मेरी गांड फाड़ दी!” उसने मेरे अंदर पानी छोड़ दिया। मैं नंगी बेड पर पड़ी थी, चूत और गांड दर्द से भरी। वो बोला, “साली, तेरी चूत की प्यास बुझ गई?” मैं चिल्लाई, “हाँ मादरचोद, मज़ा आ गया!”