जबरदस्ती मेरी दो घंटे की चुदाई (Chudai) की कहानी
प्रिती की चुदाई (chudai) ये एक सच्ची घटना पर आधारित चुदाई है और ये खुद मेरी चुदाई की कहानी है। मैं एक 23 साल की जवान कुंवारी लड़की हूं और मैं जबलपुर में एक ऑफिस में स्टाफ हायरिंग का काम करती हूं।
एक दिन की बात है जब मैं रोज की तरह ऑफिस में अपना काम कर रही थी तभी अचानक मैनेजर आया और आकर मुझे बोलने लगा की जब तुम्हे माना किया गया था की नए लोग को हायर नहीं करना है कुछ दिनों तक फिर तुमने एक नए लड़के को क्यों हायर किया है और इस बात पर मैनेजर ने मुझे बहुत डांटा बहुत ज्यादा बोला की ऑफिस में एक वर्कर हो तुम भी कोई ऑफिस की मालकिन बनने की कोशिश न करो की जब मर्जी तब किसी को भी हायर कर लिया ।
अब इतना कुछ सुनने के बाद शाम को मैं जब रूम गई तो बैठकर खूब रोई इतने में वो लड़का जिसको मैंने हायर की थी वो आ गया दरअसल वो मेरे रूम के बगल में ही रूम दिलाई थी उसको भी क्यों की नए लोगो को काम के बारे में भी मुझे ही समझना पड़ता था आते ही मैंने चुप होने को सोचती ही तब तक उसने मुझे रोते हुऐ देख लिया वो आश्चर्यचकित होकर मेरे पास आकर बैठ और पूछने लगा की क्या हुआ मैम आप रो क्यों रही हैं?
अब इतना सुनने के बाद तो मेरे अंशु मानो रुकने की जगह और ज्यादा रोने लगी ऐसा देख उसने तुरंत अपने हाथ मेरे गाल पर फेरते हुए मेरे अंशु पोछने लगा मुझे ये देखकर थोड़ा अजीब लगा लेकिन फिर मैं कुछ नहीं बोली और लगभग एक या दो मिनट में मैं चुप हो गई
अब वो फिर से पूछा की क्या हुआ मैम ? मैंने सारी बात बताई की मैं क्यों रो रही हूं इतना सब सुनते ही वो मुझसे माफ़ी मांगने लगा ये कहते हुए की मुझे माफ कर दीजिए मैम मेरे कारण आपको इतना सुनना पड़ा मैंने बोली कोई बात नहीं तुम्हारे अंदर टैलेंट दिखा मुझे इसलिए हायर कर ली इतने में उसको कोई कॉल आ गया तो वह बाहर चला गया
तब तक मुझे अचानक पेशाब लगी तो मैं बॉथरूम में पेशाब करने गई और अपनी जीन्स खोलकर पैंटी नीचे सरकाते समय मैंने ध्यान दिया की मेरी पैंटी में कुछ चिप चीपा सा लगा हुआ है जो की मेरी छेद के ठीक सामने था ये देखकर मैं समझ गई की मेरी चूत से ये थोड़ी सी पानी उस लड़के के छूने से निकली है क्यों की जब मैं उसका इन्टरव्यू ले रही थी तभी मुझे वो पसंद आ गया था और इसी कारण से हायरिंग मना होने के बावजूद भी मैने उसको सेलेक्ट कर लि थी क्योंकि तभी से मैंने उसके साथ चुदाई करने का मन बना लिया था.
अब बस मेरी तड़प मानो बढ़ने सी लगी बस अब मौके का इंतजार कर रही थी अब मैं रोज इसको देख देख कर अंदर ही अंदर उत्तेजित होती रहती थी कभी कभी सोचती थी कि काश ये आकर मुझे बोले की मैं आपको चोदना चाहता हूं तो मेरी सारी परेशानी ही मिट जाती और मैं एक बोली पर उसके सामने नंगी हो जाती
ऐसे ही देखते देखते पांच-छे दिन बीत गए फिर मैं सोची की अगर ऐसे ही चलता रहा तो मेरी चुत की प्यास कभी नहीं मिटेगी और बिना चुदाई के मेरी प्यास मर जायेगी फिर मैंने अगले दिन बीमार होने का नाटक की और उस लड़के को बोली की तुम आज ऑफिस मत जाओ मेरी तबियत ठीक नहीं लग रही है मेरे साथ रुको ज्यादा खराब हो अगर तबियत तो हॉस्पिटल तक पहुंचा देना । उसने बोला ठीक है मैम लेकिन मैनेजर सर को क्या बोलूंगा मैने बोली मैं बात कर लूंगी मैनेजर सर से उनकी चिंता न करो तुम ।
अब मैं रूम में चली गई ये बोलकर की रूम में आ जाओ पानी लेकर उसने ऐसा ही किया पानी लेकर रूम में आ गया मैं बोली दरवाजा लगा दो हवा आ रही है ठंडी उसने लगा दिया अब उसको बोली की आओ बैठो मेरे बेड पर उसको बैठा ली अब मेरी चूत हल्की हल्की गीली होनी शुरू हो गई थी
मैंने कुर्ती पहनी थी अचानक से मेरे मन में एक घटना का ख्याल आया मैं उसको बताने लगी की पता है तुम्हे एक दिन मैं बाइक से गिर गई थी मेरे कंधे और छाती पर चोट लग गई थी इतना कहकर मैंने अपने कुर्ती उतरना शुरू कर दिया ये कहते हुए की रुको मैं दिखाती हूं चोट के निशान ।
हल्का सा निशान था जो की पता भी नही चल रहा था इतना कुछ देखने के बाद भी वो नॉर्मल था जैसे की उसको मेरी ब्रा देखने के बाद भी कुछ भी फील न हुआ हो उसने चोट का निशान देखा लेकिन कोई तरह का खास प्रतिक्रिया नहीं दिया फिर मैं अपनी कुर्ती वापस पहन ली उसके बाद कुछ और बाते करने लगी बातो ही बातो में मैने उसको किस कर दिया इतना करते ही मानो उसको परमिशन मिल गया किसी तरह का वो अचानक से मेरे ऊपर टूट पड़ा और मेरे लिप्स को अपने मुंह में पकड़ कर बहुत ही गंभीरता से चूसने लगा ये सब इतना अचानक हुआ की मैं बस मन ही मन यही सोचने लगी की अब तो जमकर चुदाई का मजा लूंगी करीब दो मिनट तक मेरे मुलायम होठों को चूसने के बाद उसने बोला की आपकी ब्रा दिखाओ ना फिर मैं जल्दी से अपनी कुर्ती उतरी और उसको अपने चूची दबाने का मौका दी कुछ देर के बाद मैं उसको बाहों में भर कर लेट गई और मैने उसको किस करती हुई पूछी ‘ बेल्ट उतारू? ‘
उसने बोला ‘ पागल हो गई क्या? ‘ इतना सुनकर मैं बोली आप सब कुछ कर लो मेरे साथ मैं तैयार हूं पूरी तरह से उसने आश्चर्य होते हुए पूछा चुदवाने के लिए तैयार हो मैने बोली हां फिर उसने पूछा कही ऐसा तो नहीं की अभी जोश में आकर सब कुछ कर रही हो और बाद में बोलो की बिना इच्छा के चूद गई मैं बोली नही नहीं ऐसा नही है। इतना कहकर मैंने अपनी बेल्ट खोलकर जीन्स उतार दिया तभी मैने ध्यान दिया की मेरी चूत की पानी से मेरे पैन्टी थोड़ी सी चिप चिप हो गई थी क्योंकि मेरी चूत चुदाई लिए बहुत दिनों से तरस रही थी. फिर मैंने बोली की मेरी चूत चाटो उसने बिना देरी किए मेरे चूत में मुंह लगा दिया बिलकुल वैसे ही जैसे मेरे लिप्स को चूसा था उसने चूत को भी चूसना शुरू कर दिया लग रहा था जैसे कुछ खीच रहा है मेरी चूत से जैसे की कुछ हो उसने मुझे मजा तो इतना आ रहा था की बस मैं सोच रही थी इसका काम धंधा बंद करके मैं अपनी चूत चूसने के लिए रख लूं हर रोज के लिए
लगभग पंद्रह मिनट तक बीत गए अभी भी वो मेरी चूत को चूस ही रहा था फिर मैंने बोली अब कुछ और भी करो तो उसने मेरे इसारे को समझते हुए अपना लंड निकाल लिया और मैं भी अपनी दो टांगें फैलाकर अपनी चूत की प्यास मिटाने के लिए बहुत ही मुस्कुराते हुए तैयार हो गई अब उसका लंड जब मेरे चूत के पास उसने लगाया तो मैने ध्यान दिया की उसका लंड बहुत मोटा था और लगभग 7 इंच तक लंबा था मैं ये देखकर खुश भी हुई और थोड़ी सी डर भी गई ये सोचकर की बहुत ज्यादा दर्द होगा
मैं सोच ही रही थी तब तक उसने अपने मोटे से लंड को मेरी चूत में घुसेड़ना चाहा लेकिन उसका लंड इतना मोटा था और मेरी चूत इतनी छोटी थी की पहली बार में घुसा ही नहीं फिर उसने मेरे चूत के ऊपर थोड़ी सी थूक लगाई और उसके बाद उसने अपना लंड अंदर के तरफ दबाया तो दबाव के कारण घुस गया लेकिन मेरी चीख ऐसी निकली की मैने आज तक इतना तेज कभी नहीं चिल्लाई थी शायद मैं ये सोच रही थी की अभी तो बहुत देर लगेगा घुसने में क्यों की पहली बार में नहीं घुसा इसलिए मैं निश्चिंत थी लेकिन अचानक इतना मोटा लंड अंदर गया तो मेरे मुंह से चीख निकल गई और दर्द के कारण मेरे आंख से आंसू आ गए अब वो मेरी चूत चोदने में लगा हुआ था उसने मेरे आंसू को ध्यान नहीं दिया मैने धीरे से आंसू पोंछ लि और अब चूदाई में मिल रहे लंड के झटके के मजे उठाने लगी । कुछ बारह तेरह मिनट हुए होंगे की मेरी चूत सफेद पानी निकलने लगा और मैं सिकुड़ सी गई ये वो पल था जब छुड़ाई की झटके खाने के बाद चूत की पानी निकलना शुरू होता है तो आनंद इतना आता है की मानो स्वर्ग मिल गया उस आखरी पल में अब वो भी रुक गया थोड़ी देर क्यों की मैं सिकुड़ गई तो उसका लंड निकाल गया और मैं बिस्तर पर थक कर गिर गई अब तक एक या दो मिनिट ही हुए होंगे की उसने मेरी दोनो टांगे जबरदस्ती फैलाकर अपना लंड घुसेड़ दिया अब मैं भी दोबारा आनंद में डूबने के लिए तैयार हो गई अब फिर से लंड के झटके खाने लगी और चूत के अंदर मेरी मांसपेशियों की फड़फड़ाहट और फच फच की सुकून को महसूस करते हुए खिलखिला उठी मेरी चूत में गुदगुदी जैसी हो रही थी अंदर अब तक वो भी थकने लगा था चोदते चोदते तभी मुझे लगा की लंड के झटके कम होने की वजह से मेरी चूत में मजा भी कम आ रहा है तभी मैने उसको बोली बाबू तेज तेज चोदो बहुत तेज इतना सुनने के बाद उसने पूरी ताकत लगाकर अपनी चाल बढ़ा दी अब इतना तेज चोदने लगा की मानो मुझे ये चुदाई पूरी जिंदगी लगातार चाहिए ऐसा फील होने लगा की ये रुके ही मत कई दिनों कई महीनो कई वर्षो तक चोदता ही रहे लगातार । अब उसके लंड से पानी निकलने लगा उसमे मेरी चूत में ही निकल दिया अब वो भी ढीला पड़ गया लेकिन सच कहूं तो मेरी चुदाई की प्यास अभी भी पूरी तरह से नहीं बुझी थी मुझे उसके जैसे आठ से दस लोग बड़ी बड़ी से चोदते इतना प्यासी थी अभी भी मेरी चूत लेकिन वो थक कर मेरे ऊपर लेट गया लगभग दस मिनट तक लेते रहने के बाद मैं उसके लंड को सहलाने लगी थोड़ी ही देर में उसका लंड दोबारा से खड़ा हो गया अब मैं फिर से चोदने के लिए बोली वो ठीक है बोलकर मेरी चूत में उंगली करने लगा और खूब हिलाने लगा इसके मुझे कुछ खास अहसास नहीं हो रहा था तभी उसने अपना लंड मेरी योनि में पेलना शुरू कर दिया उसका लंड जब मेरी चूत के अंदर जाकर कही भी छूता था तो लगता था की भगवान ने मुझे चूत देकर मेरे ऊपर बहुत बड़ा अहसान कर दिया है जिससे मैं इतना गहरा उत्तेजना भरी सुकून महसूस कर पा रही हूं लंड अंदर जाते ही मानो मेरी चूत के अंदर खुशी की लहर दौड़ने लगती एकदम जन्नत का अमृत मेरी चूत में डाल दिया गया हो ऐसा महसूस होने लगता था और मैने उसको बार बार बार बार तेज चोदने को बोलकर उसके लंड के झटके की चाल इतनी तेज करवा दी की एक पल के लिए लगता की मेरी चूत फट जायेगी लेकिन वही आनंद इतना आ रहा है की बस पेलते जाओ फाड़ दो पेलकर ये तक बोल दी मैंने
अब तक करीब दो घंटे बीत चुके थे हमारी चुदाई के शुरू हुए अब बहुत खुस थी प्यास अभी भी थी लेकिन जितनी चुदाई हुई वो भी कम नहीं थी अब वो भी दो बार पानी निकलने के बाद थक कर बेड पर गिर गया फिर मैं बाथरूम में गई और नहाने लगी नहाने के बाद उसको भी बोली की तुम भी नहा लो तब तक वो मधरचोद बॉथरूम में घुस गया और मुझे दोबारा से मेरे होठों को चूसने लगा चूसते चूसते उसने मेरे कपड़े उतार दिए और मेरी गांड़ को मसलने लगा अपने हाथो से और फिर मेरी चूत में उंगली करने लगा इतना कुछ होते ही मेरी चूत फड़फड़ाने लगी दोबारा लंड के झटके खाने के लिए अब मुझसे खुद बरदास नहीं हुआ उसका लंड जो की खड़ा हुआ था मोटा सा मैं खड़ी खड़ी ही उसके लंड को अपने सामने से चूत पर रगड़ने लगी रगड़ते रगड़ते अपनी चूत की छेद के सामने रखते हुए दूसरे हाथ से उसके पीछे से दबाती हुई अपने तरफ दबाई जिससे उसका लंड मेरी चूत के अंदर जा घुसा और अब मुझे जन्नत का सैर करने को मिलने लगा अब मैं हल्की हल्की चीखते हुए उसके सामने से अपनी कमर को आगे पीछे करने लगी और तब तक करती रही जब तक मेरी चूत से पानी न निकला पानी निकलने के बाद थोड़ी थकावट सी महसूस होने लगी अब मैं फिर से नहाने लगी और वो भी नहाया फिर दोनो अपने अपने कपड़े पहन कर बेड पर लेट गए वो इतना थक गया था की अगले पंद्रह दिनों तक मुझे चोदने के लिए तैयार ही नहीं होता था बोलता था नहीं अभी हिम्मत नहीं हैं मैम आप इतना थका देती हो की जान निकल जायेगी मेरी आपको चोदने में पंद्रह दिन बाद वो बहुत मुश्किल से मुझे दोबारा चोदने के लिए मान गया
वो समय इतना मज़ेदार था कि मेरी चुदाई की कहानी बताते हुए अभी भी मेरी चूत से घी जैसा निकलना शुरू हो गया
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