Puri Raat meri dard bhari chudai

Puri Raat meri dard bhari chudai

Puri Raat meri dard bhari chudai
मेरा नाम शिवानी वर्मा है। मै उत्तर प्रदेश की रहने वाली हूँ।
आज मैं अपनी दर्दभरी चुदाई के बारे मे बताने वाली हूँ।
मैं बचपन से ही मामा जी के यहाँ रहती थी

ये तब की बात है जब मैं 7 वी क्लाश में पढ़ती थी

घर में 5 लोग रहते थे
एक मै ,
मामा और मामी जी ,
उनके दो बचे जो कि मुझसे थोड़े से छोटे थे।

एक अंकल जो कि पड़ोसी थे पड़ोस में रहते थे, उनका हमारे घर में आना जाना लगा रहता था।
मामा जी ज्यादातर जॉब पर ही रहते थे 10 दिनों में कभी एक बार आते थे

पड़ोस वाले अंकल का दिन में 4 , 5 घंटे हमारे घर उठना बैठना लगा रहता था और मामी से हंसी मजाक करते रहते थे।
एक दिन बहुत तेज बारिश हो रही थी सुबह से ही बहुत तेज बारिश
जिसके कारन मामी ने सबको बोल दिया कि आज पढ़ने मत जाना उनके दोनों बच्चे मतलब मेरे भाइयों को और मुझे भी बोली
ये सुनकर दोनों भाई खुशी से झूम उठे और फिर हम लोग खेलने कि तैयारी करने लगे
खेलने के बाद मामी ने खाना खाने के लिए बोली तो हम तीनों यानी मै और मामी के दोनों बच्चे साथ बैठकर खाना खाने लगे फिर खाना खाने के बाद दोबारा खेलने लगे
तभी मैने देखी कि पड़ोस वाले अंकल मामी को बाहों में पकड़े हुए है पीछे से और मामी मुस्कुरा रही थी
मैने तब कुछ ध्यान नहीं दिया मै नॉर्मल मानते हुए इगनोर कर गई और भाइयों वाले रूम में चली गई साथ में खेलने के लिए
मौसम अभी भी बारिश जैस हो रह था बाहर बारिश तेज हो रही थी इसलिए हम लोग रूम में ही गोटिया खेल रहे थे।
कुछ देर बीतने के बाद खेलते खेलते हम लोग थक कर सो गए रूम में ही
जब मैं जागी तो घड़ी में 3 बज रही थी मैने देखा कि दोनों भाई नहीं थे रूम में मतलब वो मुझसे पहले जागकर खेलने चले गए,  यह सोचती हूई मैने पूरे घर में उन्हे ढूंढी लेकिन नहीं मिले
फिर मामी से भी पूछी तो मामी बोली कि देखो बाहर गए होंगे
अब मै जल्दी से बाहर के तरफ दौड़ते हुए भागी लेकिन बाहर भी नहीं मिलें इधर उधर देखी कही पर भी नहीं दिख दे रहे थे, मै मन मे सोच रही थी कि मुझे छोड़कर अकेले ही भाग गए खेलने के लिये
तब तक पड़ोस वाले अंकल की आवाज आई पीछे से
बोले क्या हुआ शिवानी क्या ढूंढ रही और आज अकेले क्यों घूम रही है क्या बात है तेरे बाकी के टीम कहां गए।
तो मैं बोली कि नहीं पता कहां गए उन दोनों को ही तो ढूंढ रही हूँ
तभी अंकल ने कहा मुझे पता है कहां है वो लोग चलो तुम्हे ले चलता हु उनके पास
मैं आश्चर्यचकित हुई क्यों कि आज पहली बार ऐसा हुआ आज से पहले कभी अंकल ने मेरी मदद नहीं की थी किसी भी तरह की
लेकिन मैं उनके साथ चल पड़ी उन्होंने मेरी हाथ पकड़ लिए और चलने लगे।
चलते चलते एक दुकान पर पहुंचे वहां रुक गए, कुछ चॉकलेट खरीदे और मुझे दे दिए और कुछ चॉकलेट खुद के पॉकेट में रख लिए।
थोड़ी देर बाद वहाँ से चल दिए, चलो तुम्हे खेलने जाना था न चलो मैं ले चलता हूँ ऐसा बोलते हुए मेरी हाथ दोबारा पकड़ कर चलने लगे मै भी चलती गई।
चलते चलते बहुत दूर कुछ 2 किलोमीटर चलने के बाद एक बगीचा था बड़ा सा जंगल की तरह था उधर लेकर जाने लगे,
मैं यहां पहले कभी नहीं आई थी।
मैं चलते चलते पूछी, अंकल जी इधर कहाँ जा रहे है हम लोग
तो उन्होंने जवाब दिया शिवानी तुम्हारे दोनो भाई इधर ही आए थे, मैने देखा था।
ऐसा कहते हुए चलते गए
चलते चलते जंगल में अंदर ले कर चले गए,

अंदर एक पेड़ के पास रुक कर मुझे देखने लगे बहुत गौर से, मै थोड़ी सी डर गई, तभी वो अचानक मुझे चूमने लगे मेरे चेहरे पर अपने होठों से चूमने लगे, मै पीछे हटना चाह रही थी लेकिन पीछे एक पेड़ था। और पेड़ सामने से चूमने लगे
मेरी उमर कम होने के कारन मेरी ताकत इतनी नहीं थी कि उनकी जबरदस्ती पकड़ से बच सकूं।
लेकिन फिर भी मै कोशिश कर रही थी, विरोध कर रही थी, लेकिन उन्हे नहीं रोक पा रही थी।
मैने कई बार बोली कि अंकल जी मुझे घर जाना है छोड़ दो मुझे घर जाना है, लेकिन वो मेरी एक नहीं सुने।
मैं सोच रही थी कि ये चूमने से क्या मिल रहा है आखिर ये सब हो क्या रहा है। क्यों कि मैं कम उमर की थी तो मुझे ईश बात की ज्ञान नहीं थी कि हवश और सारीरिक सुख क्या होता है।
इसलिए मैं मन ही मन सोच रही थी कि चूम क्यों रहे हैं।
लेकिन मैं इस बात से बिल्कुल अंजान थी कि आज मेरी
 दर्दभरी चुदाई होने वाली है
और थोड़ी देर में अंकल ने मेरे चेहरे को चूमना और मेरे होठों को चूसना भी शुरु कर दिया, और मुझे हर तरफ से छूने लगे और मेरी पैंट में हाथ डालकर मेरी चूतड़ (गांड़) को दबाने लगे पीछे हाथ डालकर
और आगे से मेरे मुंह में मुंह लगाकर मेरे होठों को चूसने लगे
अब मैं और सहम सी गई कि ये सब क्या हो रहा है। ये सब अजीब चीज हो रही थी सबकुछ मेरे लिए नया था, क्यों कि मुझे ये सब के बारे में कुछ नहीं पता था।
मैं तो अब यह सोचकर आश्चर्य होने लगी कि इनको मेरे चूतड में क्या मिल रहा है, उसको क्यों दबा रहे है। क्यों कि आज तक मेरी गांड़ को किसी ने नहीं दबाया था, मेरी गांड़ मैने बस बाथरूम करने के लिए उपयोग की थी आज तक। और मै तब तक यही जानती थी कि गांड़ का उपयोग केवल बाथरूम करने के लिए होती है

लेकिन अंकल को मेरी गांड़ को बहुत जोश के साथ दबाते हुए देखकर मेरे मन में 100 सवाल उठ रहे थे।
तभी अचानक उन्होंने मेरे टॉप फाड़ दिए और मेरे स्तन (चूची) को दबाने की कोशिश करने लगे, लेकिन मेरी उमर कम होने के कारन मेरी चूची बहुत छोटी छोटी थी जो कि उनके बड़े बड़े हाथों में पकड़ में नहीं आ रही थी। तभी उन्होंने अपने मुंह से मेरी चूची पकड़ लिए और दांतों से ऐसे दबाते चूसते हुए खिचे जैसे काट ही लेंगे।

Puri Raat meri dard bhari chudai

फिर उन्होंने मेरे मुंह से मुंह लगाकर मेरे होठों को दोबारा चूसना शुरू कर दिया।
और हाँथ से मेरी चूतड़ दबाते दबाते मेरे पैंट से हाथ निकाल लिए तब मै थोड़ी लंबी सांस ली।
मैने नीचे हाफ पैंट पहनी थी ब्लैक कलर की और अन्दर लाल चड्डी,
अंकल ने मेरी चूतड़ को दबाना बंद करने के थोड़ी ही देर बाद वो मेरी पैंट में दोबारा हाथ डाल दिये, और मेरी चुत (बुर) को छूने लगे क्योंकि इश बार हाथ पीछे नहीं आगे डाले थे।
और मुझे महसूस हो रहा था कि वो मेरी चुत को छू रहे हैं।
क्यों कि सब कुछ मेरी चड्डी के अंदर हो रहा था तो मैं केवल महसूस ही कर पा रही थी कि हाथ कहाँ कहाँ जा रहा है।
देख नहीं सकती थी क्यों कि मेरे मुंह से मुंह लगाकर होठों को चूसने में लगे थे तो नजरों के सामने उनका दरिंदगी भरा चेहरा दिखाई दे रहा था केवल।
उन्होंने ने मेरी चुत को छूकर पेंट के अंदर खड़े खड़े ही अपने हाथ का अंगूठा मेरी चुत में घुसाने की कोशिश करने लगे जो कि बहुत मोटा था, मेरे लिए। मै दर्द से बहुत तेज चीख पड़ी और अंगूठा नहीं घुसा क्योंकि संभव नहीं था।
तभी उन्होंने तुरंत मुझे कसकर दबाते हुए जमीन पर लिटा दिया जबरदस्ती।
और उसके बाद मेरी पैंट और चड्डी उतार कर मुझे नीचे से पुरी तरह नंगी कर दिए और ऊपर से तो टॉप पहले ही फाड़ दिए थे।
मैं कम उमर के कारन ब्रा (चोली) भी नहीं पहनती थी तो अब मेरे शरीर पर कोई कपड़ा नहीं था, पूरी तरह से नंगी कर दिया मुझे अंकल ने।
अब उन्होने अपने जेब से एक रुमाल निकाल कर मेरे मुंह में ठूस दिए ताकि मैं हल्ला ना कर सकु
और मेरी चीख ना निकले।
अब वो अपने जेब से चॉकलेट निकाल कर और उसे फाड़ कर मेरी चुत पर उसकी क्रीम लगाने लगे,
थोड़ी सी चॉकलेट मेरी चुत में भी घुसेड़ने कि कोशिश किये, लेकिन मेरी चुत सुखी हुई थी और छोटी भी थी जिसके कारन चॉकलेट मेरी चुत में नहीं घुसी।
अब अंकल मेरी चुत में अपना अंगूठा घुसाने लगे, जब बहुत जोर से दबाकर घुसेड़ा तो मेरी चुत में इतना तेज दर्द हुआ कि मैं चीखने लगी ऐसा लगा जैसे जान निकल जाएगी। बहुत तेज चीख रही थी रोने लगी लेकिन मेरे मुंह में कपड़ा डाला गया था इसलिए मेरी आवाज बाहर नहीं आ रही थी मेरे मुंह से। लेकिन मैं अंदर से बहुत चीख रही थी रो रही थी।

चुदाई
अंकल ने अपना अंगूठा मेरी चुत से बाहर निकालने के बाद वो अपना जीन्स खोलने लगे उनको जीन्स खोलते हुए मैने ध्यान दी कि उनके हाथ में खून लगा था लाल हुआ था हाथ का अंगूठा ,
मैं अब यह सोचने लगी कि मेरी चुत फट गई जबरदस्ती दबाकर फाड़ दिए अंकल जी मेरी चुत को।
मैं मन हि मन मे सोच र्हि थि कि अब मै पेशाब किससे करुंगी, क्यो कि मेरी चुत तो फट गयी।
तभी अंकल के जीन्स खुलने के बाद मोटा सा लंड निकला जो कि बहुत बड़ा था।
अंकल तुरंत बैठ गए मेरी चुत के पास और अपना लंड जो कि मोटा सा अभी अभी मैने देखी थी, उसको वो मेरी चुत के पास लाने लगे तब मैं समझ गई कि अब ये घुसने वाला है।
अब मैं पसीने पसीने हो गई सिर्फ ये सोचकर ही की मेरी चुत में वो मोटा लंड घुसने वाला है, जबकि जमीन ठंडी थी हाल ही में बारिश होने के कारन।
अब अंकल ने अपना मोटा सा लंड मेरी चुत के सामने लगाकर तेजी से धक्के दिए, लेकिन मैं दर्द से पीछे खिसक गई मुझसे बर्दास्त नहीं हुआ।
फिर उन्होंने दोबारा कोशिश किया, इश बार उन्होने मेरी हाथ पकड़ कर कसकर मेरे चुत के सामने अपना लंड लगाया और जोर से अंदर धक्के दिए, मै तड़पने लगी सिकुड़ने लगी और ठंडी पड़ने लगी आंखों से आंसु आने लगे।
उनका लंड अब मेरी चुत में घुस चुका था, लेकिन मुझसे बिल्कुल बर्दास्त नहीं हो रहा था, पर मैं असहाय थी मेरे हाथ कसक पकड़े थे, मेरी मुंह में कपड़े घुसेड़े थे, और मेरी चुत में अपना मोटा लंड घुसेड़ कर मेरी चुत फाड़ रहे थे,
अब वो अपने लंड को आगे पीछे धक्का देने लगे मेरी चुत में, मेरी चुत में उनका लंड इतना टाइट हो रहा था कि उनका लंड अंदर बाहर करने की कोशिश में पूरी मै आगे पीछे होने लग रही थी,

जब वो आगे धक्का देते तो मैं धकेला जाती आगे की तरफ और जब पीछे होते तो मैं भी खींची चली आती उनकी तरफ।
मतलब उनका लंड मेरी बुर में इतना टाइट था कि अंदर बाहर हिल भी नहीं पा रहा था, हिलाने पर मै हिल जा रही थी।
तभी उन्होंने मेरे हाथ छोड़ दिए और कमर पकड़ लिए अपने दोनों हाथों से
क्यों कि मेरी चुत में कमर तोड़ देने वाली लंड घुसी थी
, और कम उमर में दर्दभरी चुदाई हो रही थी इसलिए अब मेरे अंदर इतनी हिम्मत नहीं रह गई थी कि मैं कुछ कर सकूं या रोक सकूं।

इसलिए अंकल ने मेरी हाथ छोड़ दिए थे
अब मेरी कमर को अपने दोनों हाथों से कसकर पकड़ कर अपने लंड को अंदर बाहर की ओर धक्का देने लगे।
मैं तड़पती रही वो चोदते रहें।
मैं रोती रही वो चोदते रहें।
मैं चिखती रही वो चोदते रहें।
चोदते चोदते लगभग 1 घंटे बीत गए तब उन्होंने अपना लंड बाहर निकाला, मेरी चुत अब रगड़ रगड़ कर बहुत ज्यदा गरम और लाल हो गई थी।

अब अंकल ने जल्दी से अपने जीन्स पहने और मेरे मुंह से रुमाल निकाल कर मुझे भी मेरी पैंट पहनाई उसके बाद मेरे फटी हुई टॉप पहना कर मुझे बोले कि घर चली जाओ।
मैं चुप चाप जल्दी से जाने लगी घर के लिए, लेकिन मेरी कमर में बहुत दर्द हो रहा था, चुदाई के कारन मैं तेज नहीं चल पा रही थी बहुत धीरे धीरे चल रही थी।
ऐसा लग रहा था कि अभी भी मेरी चुत में वो मोटा सा लंड अंदर घुसा हो
मेरी टॉप मेरे आगे से लगभग पूरी ही फटी थी, मै किसी भी तरह अपने दोनों हाथों से पकड़ रखी थी सरीर ढकने के लिए।
मेरे कपड़ो में कुछ कीचड़ मिट्टी भी लगी थी जंगल में लेट कर जबरजस्ती चुदाई के कारन, और मेरी बालों में भी कुछ कुछ मिट्टी लगी थी, क्योंकि सुबह मे बहुत बारीश हुयी थी इसलिए जमीन कि मिट्टी  गिल्लि थी थोड़ी थोड़ी।
कुछ मिट्टी मेरे पैरों में भी लगी थी
और कुछ मिट्टी मेरे हाथों में लगी थी
शरीर में दर्द और आंखों में डर और फटे हुए कपड़े के साथ सहमी हुई धिमी चाल से मैं जा रही थी।
उस समय शाम के करीब 5:30 या 6 बज रहे थे
आगे एक चौराहा पड़ता था जाते समय वहाँ 3 लड़के खड़े थे, उन्होने  मुझे देखा और दूर से ही मुझे गौर से देख रहे थे, मै दर्द के कारन धीरे धीरे चल रही थी।
थोड़ी ही देर में वो तीनों मेरे पास आ गए और मेरे सामने से मुझे घूरने लगे तभी उन्हें पता चल गया कि मेरी टॉप फटी हुयी है, क्योंकि उनमे से एक ने मुझे बोला कि कपड़े किसने फाड़ दिया जानेमन।
और शायद उन्हें ये भी पता चल गया मेरे डर और मेरी चाल से की मेरे साथ क्या हुआ है।
तभी वो लोग मुझे पकड़ कर जबर्दस्ती उठाकर वापस उसी जंगल में ले गए जिस्मे से निकल कर मै आ रही थी।
तीनों लड़के जवान थे तो मैं चाहकर भी ऐसी हालत में कुछ नहीं कर सकती थी
वो लोग मुझे उसी जंग में ले गए जिसमें से निकल कर तड़पते हुए आ रही थी।
समय शाम का था, तो उस समय वहां और कोई भी नहीं आता जाता था, उस समय।
और अंकल भी घर चले गए थे दूसरे तरफ से उन्हें पता था दूसरे तरफ का रास्ता तो वो उधर से चले गए थे और मै एक ही रास्ता जानती थी जिधर से अंकल लाए थे मुझे।
उन तीनों ने मुझे जबरदस्ती जंगल में लाया

और मेरी फटी हुई टॉप उतारे फिर मेरी पैंट भी फाड़ दिए और उनमे से एक मेरे मुंह में मुंह लगाकर होठ चूसने लगा,
और एक मेरी चुत (बुर) में अपना मुंह लगाकर मेरी चुत में जीभ घुसाने और चाटने लगा,
और तीसरा मेरी गांड़ को अपने हाथों से मसलने लगा मुझे ऐसा लग रहा था कि दर्द भी हो रहा है और चुत चटवाने से मजा भी आ रहा है।
थोड़ी ही देर बाद
एक मेरे नीचे लेट गया और अपने ऊपर मुझे लिटा कर मेरे चुत में अपना लंड घुसा दिया
और दूसरा वाला वहीं मेरे मुह के पास बगल में घुटने के बल बैठकर मेरी चोटी पकड़ कर अपने लंड को मेरे मुंह में जबर्दस्ती घुसेड़ दिया।
अब होठ चूसने वाले का लंड मेरे मुंह में था
और चुत चाटने वाले का लंड मेरी चुत (बुर) में घुसेड़ दिया था
और तीसरे ने मेरी गांड़ पर थूक लगाना शुरू कर दिया
तीसरा मेरे ऊपर पीछे से गांड़ (चूतड़) में थूक लगा रहा था मेरी गांड़ मारने कि तैयारी करते हुए। उसके बाद उसने मेरी गांड़ गीली करके अपना लंड घुसेड़ने की कोशिश करने लगा, ये तो बुर से भी ज्यादा टाइट थी मेरी गांड़,
लेकिन अच्छी बात ये थी कि गांड़ में घुसने वाला का लंड पतला सा था,मतलब बाकीयो के मुकबले कम मोटा था तो कुछ कम दर्द के साथ कोशिश करते करते घुस गया।
अब मेरी हालत एक कुतीया जैसी हो गई थी
हर तरफ से मेरी जबर्दस्ती चुदाई कि जा रही थी

अब मुझे मन ही मन समझ आ रहा था कि गांड़ और बुर का उपयोग सिर्फ बाथरूम में ही नहीं बल्कि बहुत कुछ में होती है।
तभी मुझे पेशाब आ लगी मैने उसी तरह चुदते हुए ही पेशाब करने की कोशिश की लेकिन मेरी चुत में मोटा टाइट लंड घुसे होने के कारन मैं मुत नहीं पा रही थी, मैं अंदर से फुल प्रेसर दे रही थी फिर भी पेशाब निकल नहीं रहीं थी क्यों कि बुर का रास्ता लंड से जाम था।
तभी अचानक जो लड़का मुंह में चोद रहा था उसके लंड से वीर्य निकलने लगा और मेरे गले में चला गया जो कि मुझे मह्सूस हुआ कि मेरे गले मे कुछ गया, लेकिन वह वीर्य था इस बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं थी।
वो लगातार मेरी मुह् कि चुदाई किए जा रहा था
क्यों कि उसका लंड लंबा था मेरे गर्दन तक घुसा हुआ था, इसलिए मुझे मह्सूस होने से पहले ही उसका वीर्य उसके लंड से निकल कर मेरी गले से पेट में उतर जाता था।
और जब वीर्य निकलता तो फोरश के साथ निकलता था इसलिए सीधे गर्दन से अंदर ही चला जाता था। ऐसा कई बार हुआ
तभी उसको पेशाब लग गई जिसने मेरे मुंह में अपना लंड घुसाया था,
तो उसने चुदाई करते करते मेरी मुंह में ही बिना बताए मुतना शुरु कर दिया और वो भी वीर्य की तरह मेरे गर्दन से सीधे पेट में जाता गया उसका मूत भी
मैं इश बात से अंजान थी , इश बार भी मुझे मह्सूस हुआ कि मेरे गले से कुछ मेरे पेट मे जा रहा है, लेकिन मैंने सोचि कि जैसे इससे पहले कई बार मेरे गले मे कुछ गरम गरम जाना मह्सूस हो रहा था कुछ पल के लिये जो कि वीर्य हुआ करता था, उसी तरह इस बार भि होगा कुछ पल (सेकंड) के लिये वीर्य निकल रहा होगा।
लेकिन इस बार कुछ ज्यदा ही देर तक मेरे गले मे गरम चिज़ जा रही थी, उसके पेशाब का प्रेसर तेज होने के कारन मेरे गले मे चोट लगने लगी और मुह पीछे खीचने कि कोशिश कि जिससे उसका लंड थोड़ा सा बाहर आया जिसके बाद उसके मुत से मेरी मुह भर गयी।
तभी मुझे उल्टी आने लगी लेकिन उसका लंड मेरी मुंह को बंद कर रखा था जिस कारण उल्टी बाहर नहीं आ रही थी अंदर ही मुझे महसूस हो रही थी कि उल्टी होगी ,
लेकिन मुंह बंद था इसलिए बोल नहीं सकती थी और मनमानी भी नहीं कर सकती थी क्यों कि सभी हवश और जोश में चोद रहे थे तो मैं कमजोर थी और वो लोग बेरहम और ताकतवर थे।
लगभग 2 घंटे तक तीनों ने लगातार मुझे चूसते और चाटते हुए मेरी चुदाई किया।
मेरी उमर कम होने के कारन मेरी चूतड़ और चुत बहुत मुलायम और मक्खन की तरह कोमल थी, जिस कारन मुझे चोदने वाले चाहकर भी रुकना नहीं चाहते थे। लगातार बार बार मेरी नरम चुत और चूतड़, मुंह और होठ को चूसने और चोदने में लगे थे।

मेरी चुदाई करते करते तीनों का कम से कम दस दस बार या उससे भी ज्यदा बार वीर्य निकल गया था और मेरी भी 2 बार निकली, उस समय बस मुझे मजा आने लगता था मेरी चुत में बहुत खुशी मचने लगती थी जब मेरी वीर्य निकलता था तो।
लेकिन मैं सोचती थी कि यह उनलोगों के लंड के चुदाई से हो रहा होगा , क्यों कि मुझे ऐसा कुछ नहीं पता था की वीर्य क्या होता है और क्यों और कैसे निकलता है और चरमसुख क्या होता है ये सब कुछ नहीं पता था मुझे और ये भी नहीं पता था कि मेरी “चुत” से भी वीर्य निकलेगा।
मैने कई कई बार उन तीनों के लंड से उजला पानी जैसा निकलते देख रही थी जो कि कई बार मेरे मुंह में और कई बार मेरे गांड़ पर , कई बार मेरे गांड़ में , कई बार मेरे चुत पर , कई बार मेरे चुत के अंदर , और कई बार मेरे पेट पर और कई बार मेरे चेहरे पर अपना वीर्य निकाल रहे थे।
मैं पूरी लाल पड़ गई थी

समय अब रात के 8 बज गए थे
अब वो तीनों भी 2 घंटे तक मुझे चोदते चोदते थक गए थे।
और मेरी सांसे बहुत तेज तेज चलने लगी थी और शारीर एकदम सुन पड़ गई थी मैं वैसे ही लेटी रही।
मेरी इतनी ज्यदा चुदाई हुई थी कि मैं उठ कर बैठ पाऊं इतनी भी क्षमता मेरे अंदर अब 
नहीं थी
वो तीनों कपड़े पहनकर चले गए मुझे वैसे ही छोड़कर
चांदनी रात थी इसलिए अंधेरे में भी दिखाई दे रहा था सब कुछ।
समय बीतता गया 1 घंटे बीत गए 2 घंटे बीत गए 3 घंटे बीत गए मै ठंड से कांपने लगी थी क्यों कि नंगी जमीन पर लेटी पड़ी थी।
लगभग 11 , 12 बज गए तब अंकल जी अपने एक बेटे के साथ मुझे ढूंढते हुए आए
क्यों कि उनके अनुसार उन्होंने मुझे 6 बजे ही घर भेज दिया था,
लेकिन मामी घर पर उनसे बोली कि शिवानी नहीं आई कहा गई है घर पर नहीं है
तो वो ढूंढने का बहाना करते हुए मुझे ढूंढने आए थे। जिस रास्ते से उन्होंने मुझे 6 बजे जाने के लिए बोला था उसी रास्ते से ढूंढते हुए आ रहे थे । मन हि मन में ये सोचते हुए कि गई तो थी वहां से लेकिन घर क्यों नहीं पहुंची।
ढूंढते ढूंढते वो अपने बेटे के साथ जंगल में पहुंच गए और मुझे जमीन पर नंगी लेटी देखकर मेरे पास आ बैठे
मुझे होश बहुत कम थी लेकिन मैं इतना पहचान गई कि अंकल हैं
उन्होंने मुझे बोला – शिवानी क्या हुआ, बेटी शिवानी ऐसी हालत कैसे हुई तुम्हारी ? 
जबकि वो देखकर ही समझ गए थे कि मुझे किसी और ने भी चोदा है जबरदस्ती।
अब मैं मन ही मन सोच रही थी कि अब मुझे कोई कपड़ा पहनाकर और उठाकर घर ले जाएंगे
लेकिन मुझे महसूस हुआ कि मेरी चुत को सहलाते हुए मेरे चुत में अंगुली घुसाई गई
अब मुझे समझने में देर नहीं लगी कि मैं फिर से चुदने वाली हूँ।

तभी अंकल के बेटे ने बोला – पापा मुझे भी करना है, वो तब 21 साल का था।
मैं आवाज से ही पह्चान गई कि वो अंकल का बेटा है क्यों कि उसको मै जनती थी
अब अंकल ने अपने बेटे से बोला – हा कर लेना पहले मुझे कर लेने दे, इसकी चुत देखकर मुझे कंट्रोल नहीं हो रहा है।
इतना कहकर अंकल ने अपना लंड निकालकर मेरी चुत में घुसेड़ दिया मेरी फिर से चीख निकल गई क्यों कि उनका लंड बहुत मोटा था
अब उन्होंने मुझे चोदना शुरू कर दिया।
और उनका बेटा मेरी छोटी छोटी बूब्स को दबाते हुए मेरी होठों को चूसने लगा
थोड़ी देर में मेरी आंखों से आंसु आने लगे तभी अंकल के बेटे ने कहा – पापा ये रो रही है
तभी अंकल ने बोला – अरे बेटा ये रो नहीं रही है आंसु दिखावे के है इसके, इसकी मामी को भी जब भी चोदता हूँ तब उसके भी आंसु आ जाते हैं।
मैं हैरान रह गई ये सुनकर की मामी को भी चोदते है वो
तभी उनके बेटे ने पूछा – सच में पापा आप इसकी मामी को भी चोदते हो ?
अंकल ने हां कहते हुए चुदाई जारी रखा
करीब आधे घंटे चोदने के बाद अंकल ने अपना लंड मेरी चुत से बाहर निकाल लिया और अपने बेटे से बोले कि अब तू चोद ले।
उनका बेटा तुरंत मेरी होठों को चूसना छोड़कर मेरी चुत के पास जा बैठा और अपना लंड निकाल कर मेरी गीली मुलायम लाल चुत में घुसेड़ दिया और जोर जोर से झटके मारने लगा।
और अंकल ने अपना लंड मेरी मुंह में डाल दिए और पूरा अंदर घुसेड़ दिए ऐसा लगा कि मेरी गर्दन फाड़ कर मेरे पेट में घुस जाएगा उनका लंड, क्यों कि बहुत बड़ा और बहुत मोटा था मेरे गले गर्दन के अंदर तक घुस गया और मै सांस भी नहीं ले पा रही थी फिर तुरंत पता नहीं क्या सोचकर उन्होने अपना लंड थोड़ा सा बाहर के तरफ खिच लिये तब मैं सांस ली।
कई कई बार मेरे गले में लंड घुसाए फिर उनका वीर्य निकला जो कि मेरे गले में लंड होने के कारण गले से सीधे पेट में ही फेक रहा था उनका लंड वीर्य को।
अब अंकल भी ठंडा पड़ गए क्यों कि उन्होंने बातों बातों में अपने बेटे से बताया कि उन्होंने आज ही दिन में 8, 9 बार मेरी मामी को चोदा था , तो इतना वीर्य निकलने के बाद थक गए थे वो।
और उधर उनका बेटा भी 2, 3 बार झड़ गया 20, 25 मिनट में ही
अब दोनों ने मुझे पीछे के तरफ पलट दिया और मेरी गांड़ में अंकल के बेटे ने अपना लंड घुसाया और 10 मिनट तक चोदा
उसके बाद अंकल ने भी मेरी गांड़ में अपना लंड घुसाया मै दर्द से सिकुड़ सी गई और मम्मी मम्मी चिखने लगी।
लेकिन मेरी आवाज बहुत धीमी निकल रही थी दर्द के कारन
और आवाज सुनकर वो दोनो और उत्तेजीत होने लगे चोदने के लिये,  क्यो कि मेरी आवज धीमि मधुर और दर्दभरी थी।

10 मिनट तक मेरी गांड़ मारने के बाद अंकल ने अपना लंड निकाल लिया अब मुझे ऐसा महसूस हो रहा था कि मेरी कमर की हड्डी टूट गई हो
मैं दर्द से तड़प रही थी।
अब अंकल और उनके बेटे ने मुझे उठाया और मेरी कमर में अपना गमछा लपेटा और ऊपर अपना शर्ट पहनाया और मुझे उठाकर घर ले गए।
अब घर पर मामी घबराते हुए पूछी क्या हुआ शिवानी को कहाँ थी ये
अंकल ने बोला – कुछ नहीं हुआ इसे, ये जंगल में गिर गई थी और चोट लगने के कारण बेहोश हो गई थी और इसके कपड़े कुत्तों ने फाड़ दिया, इसे मरा हुआ जानवर समझ कर कुछ कुत्ते इसके कपड़े नोच रहे थे तो हम लोग पहुंच गए और इसे कपड़े पहना कर ले आए।
घबराने की बात नहीं है ये बिल्कुल ठीक है
अंकल ने इतना कहकर मुझे मेरे रूम में ले जाकर बेड पर लिटा दिए
और मामी पूछी शिवानी तुम ठीक हो न ?
मैने हां में सिर हिलाई
फिर उन्होंने पूछा कि खाना निकाल दु खाना खा लो
मैने धीरे आवाज में “नहीं” कहा
क्यों ताकि मेरी हालत ना दिख जाए मामी के सामने इसलीए मैं शांत थी और बोलती भी क्या मैं तो खुद सोच मे पड़ी थी।
मामी बोली ठीक है कपड़े बदल लो और सो जाओ
मामी ने मुझे ज्यादा फिकर नहीं जताई क्यों कि अब अंकल से चुदवाने की भूख लगी थी मामी को इसलिए जल्दी से कपड़े बदल कर सो जाओ कहते हुए रूम का दरवाजा बंद कर के चली गई
मैने देखी नहीं लेकिन मुझे समझ आ गया था कि वो अपने रूम में जाकर अंकल के मोटे लंड से अपनी चुत चुदवाएगी।
मैने लेटी हुयी ही दीवार की घड़ी पर नजर डाली तो रात के 1:40 बज रहे थे
तब मैने धीरे धीरे बैठकर अपनी चुत पर नजर डाली मेरी चुत की छेद बड़ी हो गई थी और पूरी कमर लाल हो गई थी सूजन भी थी।
मैं बिस्तर से नीचे उतरकर जैसे तैसे अपने कपड़े पहनी और फिर मैं बिस्तर पर लेट गई
मुझे दर्द के कारन नींद नहीं आ रही थी लेकिन मैं इतनी थक गईं थी कि आधे घंटे बाद नींद आ गई और मै सो गई।
तभी मुझे रात में अहसास हुआ कि कोई मेरे नीचे के कपड़े उतार रहा है,
मेरी नींद खुल गई
मैने देखी कि अंकल मेरे बिस्तर पर बैठकर मेरे जीन्स उतार रहे हैं ।
मैं तुरंत उठकर बैठ गई और जोर से मामी को आवाज लगाने की कोशिश की
लेकिन मामी चुद कर सो गई थी , और मामी को चोदकर सुलाने के बाद चुपके से मेरे रूम में आकर दरवाजा अंदर से लगा दिए थे अंकल ने।
घड़ी में 4 बज रहे थे।
और मुझे चिल्लाने की कोशिश करने पर उन्होंने मेरे मुंह अपने हाथ से दबा लिया
और मेरे कान में धीरे से बोले – बेटी तुझे चोदने के बाद तेरी मामी को चोदने में मजा नहीं आ रहा था।
तेरी चुत और गांड़ मुझे पसंद आ गई इसलिए अभी फिर से चोदूंगा तुम्हे
इतना कहकर वो मुझे बिस्तर से नीचे उतर कर बिस्तर पर झुका दिए और मेरी जीन्स उतार दिए फिर पीछे से डॉगी स्टाइल में मेरी चुत ( बुर ) में अपना लंड घुसेड़ने लगे और मेरी मुंह बंद करके मुझे जोर जोर से चोदा और झटका दिया।
आधे घंटे तक मेरी चुत चोदने के बाद अपना लंड मेरी चुत से निकाल कर उसी पोजिशन में मेरी गांड़ में घुसेड़ दिए और लगभग 10 मिनट तक गांड़ मारी।
उसके बाद मुझे मेरी जीन्स पहनाए और उठाकर बिस्तर पर चढ़ा दिए और बोले सो जाओ इतना कहकर रूम से बाहर चले गए और बाहर से दरवाजा लगा दिए
समय लगभग सुबह के 5 बजने वाले थे मै बिस्तर पर लेट गई
और बहुत सारे सवाल और खयाल में डूब गई

इसके बाद क्या हुआ ये जानने के लिए कमेंट करे और प्रीमियम ज्वाइन करे

ये घटना मेरे साथ आज से 12 साल पहले हुयी थी , और आज मै 24 साल की हो चुकी हूँ। 

प्रिंसीपल ने अपने एक लड़कि विद्यार्थी की जबर्दस्ती कैसे चुदाई कि देखें inappropriate content. If you have any other non-explicit requests, I’ll be happy to assist you.  

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